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कुल देवता | ग्राम देवता | 33 कोटि देवी देवता | 2024

||कुल देवता||ग्राम देवता||33 कोटि देवी देवता||

हरि ॐ

  आज हम आपको देवताओं से संबंधित सारी जानकारी देंगे इस लेख को पड़ने के बाद आपके मन में उठ रही देवताओं से संबंधित प्रश्नों के उत्तर भी मिल जाएंगे।

 आप लेख में आखिरी तक बने रहे तभी आप इसको समझ पाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं।


मित्रों सबसे पहले हम आपसे यह पूछना चाहते हैं की क्या आपने ऐसे किसी इंसान को देखा है जिसके शरीर में देवता वास करते हैं यानी ऐसा इंसान जिसके शरीर पर देवता आते हैं यदि आपका जवाब हाँ है तो आपको यह बात पुरी तरह जल्दी  समझ  जाएंगे।


मित्रों सनातन वेद पुराण आदि में 33 कोटि देवी देवताओं का उल्लेख मिलता है लेकिन वर्तमान समय में 33 कोटि के जगह लोगों ने 33 करोड़ देवी देवताओं को जान लिया परंतु यह धारण बिल्कुल गलत है क्योंकि कोटि अलग-अलग प्रकार को इंगित करता हैं यानी कास्ट को   बताता है तो आप यह हमेशा याद रखें की 33 प्रकार    के उच्च कोटि के देवी देवता होते हैं यानी इस पूरे ब्रह्मांड को संचालित करने के लिए 33 प्रकार के ही देवी देवताओं को भगवान ने उत्पन्न किया और उन  33 प्रकार के देवताओं से अन्य देवगण उत्पन्न हैं ।


इसी तरह ये रहे प्रमुख 33 देवता:-

  • 12 आदित्य:-

  1. अंशुमान
  2. अर्यमन
  3. इन्द्र
  4. त्वष्टा
  5. धातु
  6. पर्जन्य
  7. पूषा
  8. भग
  9. मित्र
  10. वरुण
  11. विवस्वान
  12. विष्णु ।

  • 8 वसु:-

  1. आप
  2. ध्रुव
  3. सोम
  4. धर
  5. अनिल
  6. अनल
  7. प्रत्यूष
  8. प्रभाष ।

  • 11 रुद्र:-

  1. शम्भु
  2. पिनाकी
  3. गिरीश
  4. स्थाणु
  5. भर्ग
  6. भव
  7. सदाशिव
  8. शिव
  9. हर
  10. शर्व
  11. कपाली ।

  • 2 अश्विनी कुमार:-

  1. नासत्य
  2. द्स्त्र ।

 

कुछ विद्वान इन्द्र और प्रजापति की जगह 2 अश्विनी कुमारों को रखते हैं। प्रजापति ही ब्रह्मा हैं।

कुल:- 12+8+11+2=33

कुल देवता | ग्राम देवता | 33 कोटि देवी देवता

    लेकिन आज हम आपसे उन देवताओं की बात करेंगे जो शरीर  में बसाने आते हैं। 33 उच्च कोटि के देवता हैं जो अपने अपने लोक में रहते हैं उनके अलावा भी पृथ्वी पर मौजूद करोडो देवी देवता हैं जो स्वर्ग लोक के देवताओं के अंश होते हैं यानी उनकी एक छोटी सी ऊर्जा होती है हम आपको आसान तरीके से ही समझने के लिए यहां पर देवताओं को वर्गीकृत कर रहे हैं।


 उसके बाद हम देवता को प्रसन्न करके शरीर में कैसे बुलाए यह बताएंगे और जब देवता शरीर में आते हैं तो आपको  कैसा महसूस होता है यह भी बताएंगे उन देवताओं के नाम जिनसे आप परिचित हैं और जिनकी पूजा आप  ज्यादा  करते हैं ।


मित्रों सबसे पहले हम कुल के देवी देवता को समझने का मतलब घर के देवता से होता है कुल देवता को  पारिवारिक देवता भी कहते हैं कुल देवता वै होते हैं जिन्हें केवल आपका परिवार पूजा करता है इन देवताओं  के साथ आपका या आपके परिवार का कोई रिश्ता होता है। बहुत सारे लोग इन्हें पूर्वज देवता के नाम से भी  जानते हैं ।


कुल देवता:-

अब जानते हैं की कुल देवता कैसे बनते हैं:- यह देवताओं के पूर्वज है जिनकी मृत्यु बचपन अल्पकाल में हो जाती है और किसी कारणवश वे दूसरा जन्म नहीं ले पाते हैं और यह उनके घर के कुल देवता बन जाते हैं इनमें से जो आत्मा पवित्र यानी अच्छी होती है वह अपने परिवार से रहने के लिए एक स्थान मांग लेती है। जो उसे एक छोटे से घर या एक मंदिर के रूप में दे दिया जाता है और पूरे विधि विधान से पूजा करके उन्हें स्थान में बसाया जा सकता है।कुल देवता को प्रसन्न करना सबसे आसान माना जाता है क्योंकि एक तो  कुल देवता की पूजा केवल आप और आपका परिवार करता है।जिससे उनके आपसे प्रसन्न होने की संभावना ज्यादा हो जाती है।दूसरा कुल देवता अपने वंशजों के द्वारा सच्चे मन से पूजा और सेवा करने से अधिक प्रसन्न  होते हैं।


ग्राम देवता:-

अब ग्राम के देवता को समझते हैं की यह कौन होते हैं बहुत सारे लोग ऐसे भी होंगे जिनके परिवार में कोई कुल देवता नहीं होते हैं ऐसे लोगों के लिए फिर प्रथम पूजा के रूप में ग्राम देवता को प्रसन्न  करना चाहिए ग्राम देवता पूरे गांव के लिए पूजनीय होते हैं और ग्राम देवता भी जिस इंसान से प्रसन्न  हो जाएं तो उसके शरीर में आकर उसके और बाकी लोगों के दुखों का समाधान बताते हैं।

कुल देवता | ग्राम देवता | 33 कोटि देवी देवता

 कुल देवता और   ग्राम देवता के बाद ईश्वरीय शक्ति समान स्वर्ग लोक के देवी देवताओं की भी पूजा करके उन्हें प्रसन्न कर  सकते हैं यह एक ऐसी शक्ति होती हैं जो स्वर्ग लोग में निवास करती हैं लेकिन उनकी एक छोटी सी ऊर्जा के में आकर बसते हैं और पृथ्वी की रक्षा करते हैं।अगर आप से कोई देवी देवता प्रसन्न हो जाता है तो आपके जीवन की एक बड़ी सफलता होगी अब जानते   हैं कि-

शरीर में देवता कैसे बुलाए इसके लिए यह सबसे जरूरी बात है की देवताओं को कैसे प्रसन्न करें ?

      अगर केवल पूजा करने से देवता और भगवान को प्रसन्न किया जा सकता था तो यह कम तो सभी लोग करते हैं शरीर में देवता बुलाने से पूर्व ध्यान देने वाली बातें देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण   बातें ध्यान करने वाली है पहला यह की जो भी व्यक्ति उनकी पूजा करता है उसकी भावना कैसी है और जब भी   आप   पूजा करें तो आपका पूरा ध्यान देवताओं पर ही होना चाहिए आपके मन में मोह माया जैसा कुछ भी नहीं होना  चाहिए अगर आप चाहते हैं की देवता आपसे इतने प्रसन्न   होकर आपके शरीर में वास करने आ जाएं तो सबसे पहले   आपको अपने शरीर को पवित्र करना होगा देवता उसी शरीर में आते हैं जो एक पवित्र शरीर होता है शरीर को   पवित्र करने के लिए आपको अपने शरीर में सतोगुण यानी अच्छाई गुण की मात्रा बढ़ानी होगी। सतोगुण की मात्रा को बढ़ाने के लिए आपको सबसे पहले तो आप अपने मन में आने वाले नकारात्मक विचारों का त्याग कर दें किसी भी व्यक्ति की निंदा ना करें झूठ नहीं बोले बेईमानी न करें हिंसा ना करें सत्य और भगवान में विश्वास बनाए रखें अपने खान पान सही करें क्योंकि हमारा शरीर और मन जैसा हम खाते पीते हैं वैसा ही बन जाता है। पवित्र तन मन के लिए तमोगुण खाना बिल्कुल नहीं खाए रजोगुण कार्य और खाने से भी ज्यादा बेहतर है की सत्गुण खाना खाएं।


स्नान का महत्ता तथा नियमित समय क्या है?:-

       देव स्नान जरूर करें मित्रों शास्त्रों के अनुसार 4:00 बजे से 6:00 तक देवता 6 से 8 इंसान और 8 बजे के बाद राक्षस का स्नान माना  जाता है इसलिए आप 4-8 के बीच ही स्नान करें।


इसके बाद सबसे अधिक महत्वपूर्ण है धैर्य बनाए रखें   क्योंकि किसी कार्य में जल्दबाजी अच्छी नहीं होती हैं इस कार्य में कई महीने भी लग सकते हैं और कई साल भी लग सकते हैं यह सब कुछ देवी-देवताओं के  मन पर निर्भर करता है की वह आपकी पूजा से कितने प्रसन्न होते हैं लेकिन एक बात हमेशा याद रखें मेहनत और सच्चे श्रद्धा भाव से किया गया पूजा-पाठ कभी व्यर्थ नहीं जाता शरीर में देवता आना बहुत ही  भाग्यशाली होते हैं। वे लोग जिनसे देवता प्रसन्न होते हैं इसलिए हमेशा देवता के घर आने पर खुश रहे।


 भगवान की कृपा दृष्टि सही और आपसे देवता प्रसन्न हो जाते हैं तो आपको कैसे पता चलेगा? यह भी आप जान लीजिए!

मित्रों देवता आपसे प्रसन्न होते हैं तो सबसे पहले आपको देवता सपनों में दिखने शुरू होंगे।

आपको देवताओं से जुड़े सपने आएंगे आपको देवता की प्रिया वस्तुएं भी सपने में देख सकती है। अलग-अलग देवता की पूजा करने पर अलग-अलग तरह के सपनों द्वारा वह आपको संकेत देते हैं   दाहरण से:-

        भगवान शिव के भक्तों को सांप,नंदी,अघोरी जैसा कुछ दिखाई देता है।

माता के भक्तों को शेर आदि कुल देवता की पूजा करने पर किसी पूर्वज का दिखाई देना आदि ऐसे किसी भी सपने को नज़र अंदाज़ ना करें चीजों को एक दूसरे से जोड़कर देखें और उनका मतलब समझने का   प्रयास करें ।


अब जानते हैं शरीर में देवता आने पर क्या होगा?

जब भी कोई देवता आपके शरीर में आता है तो आपको शरीर में एक अलग ऊर्जा की अनुभूति होगी आपको ऐसा  महसूस होगा जैसे आपके मन पर किसी और ने कब्जा कर लिया है।

 कुछ लोग देवता आने के लक्षण पहचान नहीं पाते हैं और   देवता को कोई भूत प्रेत समझकर डरने लगते हैं ऐसा नहीं करना चाहिए।


        अगर आप पूजा पाठ करने वाले इंसान है तो बिल्कुल डरने की कोई आवश्यकता नहीं है देवता   हो या भूत प्रेत दोनों में एक बातें समान होती है की वह ढोल बजाने पर बाहर आ जाती हैं। 

      आपके मन से निकलकर दिमाग और जुबान पर आ जाते हैं ताकि वह सामने वाले से बात कर सके जब भी देवी देवता किसी के शरीर में वास करते हैं और संगीत की धुन पर या प्रार्थना करने पर बात करने के लिए बाहर आते हैं   अकसर गाँव मे आप यह बात से संबद्ध कर सकते है। तो व्यक्ति के शरीर में एक अजीब सी हलचल होती हैं उसके पैरों में कंपन   होने लगती हैं हाथों में खून का दौर तेजी से चलने लगता है आंखों में एक चमक सी आ जाती है देवता जिसके   शरीर में वास करते हैं उससे अंतर्मन में ही बातें भी कर सकते हैं लेकिन किसी और व्यक्ति से बात करने के लिए वह उसे व्यक्ति की जुबान पर आते हैं जब देवता से कुछ पूछा जाए और वह व्यक्ति के शरीर में पुरी तरह आ चुके हो तो वह व्यक्ति बिना देवता की इच्छा के चाह कर भी कुछ नहीं बोल पता देवता जैसा चाहते   है। वैसा ही वह बोल पता है ।

कुल देवता | ग्राम देवता | 33 कोटि देवी देवता

कुल देवता | ग्राम देवता | 33 कोटि देवी देवता

       जब देवता आपसे परिवार के किस सदस्य से प्रसन्न होकर उसमें वास करते हैं तो यह मान लीजिए की इससे ज्यादा शुभ आपके परिवार के लिए कुछ नहीं है जब भी देवता व्यक्ति के मस्तिष्क में आकर आप लोगों से बातें करें तो उसकी प्रशंसा   करें और देवता से प्रेम पूर्वक बात करके उसके आने का कारण पूछे उसके बाद महीने में दो दिन उनके आने के दिन निश्चित कर ले ऐसा वादा आपको देवता से पहली बार में ही ले लेना चाहिए उसके बाद उसे निश्चित दिन पूजा के समय पर उसे देवता के आने का इंतजार करें और उनसे समस्या बताएं जब देवता व्यक्ति के शरीर में आते हैं तो वह व्यक्ति को झूठ नहीं बोल पता जो भी बोलता है वह देवता के कहे शब्द होते हैं इसीलिए जब देवता आपको आपकी समस्या का समाधान बताएं तो उसे   झूठ   नहीं समझे उनका पालन करें।

धन्यवाद


 यह थी देवताओं से संबंधित विशेष जानकारी अगर यह लेख आपके लिए सहायक सिद्ध हुआ हो तो no1helper को इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहे । 


एक बार इसे भी देखे:-

देवता किसे कहते हैं? | वैदिक देवों का स्वरूप


ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥

Comments

  1. नमो ब्रह्मण्य देवाय गोब्राह्मण हिताय च ।
    जगत् हिताय कृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः ॥

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